चलता चल तू राही.. मरने से क्या डरना.. मरना जीवन का अंत नहीं.. भाग ही है.. सच्चा अंत तो तब आएगा जब.. तुम्हारे चले रास्तों से तुम्हारे पदचिन्ह मिट जायेंगे..